शनिदेव की आरती-Shanidev ki Aarti

शनि देव हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण देवता है, जो शनि ग्रह का प्रतीक है। शनि ग्रह को हिन्दू ज्योतिष और पौराणिक मान्यताओं में महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है।

शनिदेव कर्म और कर्मफल के देवता है, उनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा होता है। वह अच्छे कर्मों वालो को प्रोत्साहित करते हैं, और बुरे कर्मों के प्रतिफल को सुनिश्चित करते हैं।
लोग अपने जीवन में शनिदेव की कृपा प्राप्त करने और शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार को, शनिदेव की पूजा और अनुष्ठान करते हैं।

||Shanidev ki Aarti||

||शनिदेव की आरती||

जय-जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी |
सूर्य के पुत्र प्रभु छाया महतारी ||
जय जय श्री शनि देव…

श्याम अंग वक्र दृष्टि चतुर्भुजा धारी |
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ||
जय जय श्री शनि देव…

क्रिट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी |
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ||
जय जय श्री शनि देव…

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी |
लोहा, तिल, तेल, उड़द, महिसी अति प्यारी ||
जय जय श्री शनि देव…

देव-दनुज, ऋषि-मुनी सुमीरत नर नारी |
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण है तुम्हारी ||

जय-जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी |
सूर्य के पुत्र प्रभु छाया महतारी ||


Shanidev Ki Aarti in English


Jai-Jai Shri Shanidev, Bhaktan Hitkari |
Surya ke Putra Chhaya Mahtari ||
Jai Jai Shri Shanidev…

Shyam Ang Vakra Drishti Chaturbhuja Dhari |
Nilambar Dhar Nath Gaj ki Sawari ||
Jai Jai Shri Shanidev…

Krit Mukut Shish Rajit Dipat hai Lalaari |
Muktan ki Mala Gale Shobhit Balihari ||
Jai Jai Shri Shanidev…

Modak Misthaan Paan Chadat hai Supari |
Loha, Til, Tel, Urad, Mahisi Ati Pyari ||
Jai Jai Shri Shanidev…

Dev-Danuj, Rishi-Muni Sumirat Nar Naari |
Vishwanath Dharat Dhayan Sharan Hai Tumahari ||

Jai-Jai Shri Shanidev, Bhaktan Hitkari |
Surya ke Putra Chhaya Mahtari ||


श्री शनि चालीसा || शनिदेव मंत्र

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