श्री हनुमान जी की आरती – Shri Hanuman Ji Ki Aarti

हनुमानजी भारतीय पौराणिक कथाओं के एक महत्वपूर्ण चरित्र है, जो हिन्दू धर्म में सबसे पूज्य देवताओं में से एक है। हनुमानजी भगवान शिव के 11वें अवतार के रूप में जाने जाते हैं। वे अंजना और केसरी के पुत्र थे, जो उन्हें हिन्दू देवताओं के आशीर्वाद से पैदा हुए थे।
हनुमानजी को हिन्दू धर्म में “भक्ति” और “प्रेम” का प्रतीक भी माना जाता है, उनकी भगवान राम के प्रति निष्ठा और अथक सेवा को बहुमीय भक्तों ने पूजा और अनुसरण किया है। वह दुनियाभर (नेपाल, श्रीलंका, और विभिन्न दक्षिणपूर्व एशियाई देश) के लाखों भक्तो द्वारा पूजे जाते हैं और अक्सर शक्ति, साहस और सुरक्षा के लिए पुकारे और याद किये जाते है।
हनुमान आरती, हनुमान चालीसा और बजरंग बाण भक्तों द्वारा उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए पढ़े जाते हैं।

Shri Hanuman Ji Ki Aarti॥

॥श्री हनुमान जी की आरती॥

॥श्री हनुमंत स्तुति॥

मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

॥ आरती ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान…..॥

दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान…..॥

लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान…..॥

पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान…..॥

सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान…..॥

जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥


Shri Hanuman Ji Ki Aarti in English


॥Stuti॥

Manojavan Maarut Tulyavegan,
Jitendriyan, Buddhimataan Varishtham॥
Vaataatmajan Vaanarayuth Mukhyan,
Shreeraamadutan Sharanam Prapaddhe॥

॥Aaratee॥

Aaratee Keejai Hanumaan Lala Kee ।
Dusht Dalan Raghunaath Kala Kee ॥

Jaake Bal Se Giravar Kaanpe ।
Rog-Dosh Jaake Nikat Na Jhaanke ॥
Anjani Putr Maha Baladaee ।
Santan Ke Prabhu Sada Sahaee॥
Aaratee Keejai Hanumaan…

De Veera Raghunaath Pathae ।
Lanka Jaari Siya Sudhi Laaye॥
Lanka So Kot Samudr See Khaee ।
Jaat Pavanasut Baar Na Laee॥
Aaratee Keejai Hanumaan…

Lanka Jaari Asur Sanhaare ।
Siyaaraam Jee Ke Kaaj Sanvaare॥
Lakshman Murchhit Pade Sakaare ।
Laaye Sanjivan Praan Ubaare॥
Aaratee Keejai Hanumaan…

Paithi Pataal Tori Jamakaare ।
Ahiraavan Kee Bhuja Ukhaare॥
Baeen Bhuja Asur Dal Maare ।.
Daahine Bhuja Santajan Taare॥
Aaratee Keejai Hanumaan…

Sur-Nar-Muni Jan Aaratee Utaren ।
Jay Jay Jay Hanumaan Uchaaren॥
Kanchan Thaar Kapoor Lau Chhaee ।
Aaratee Karat Anjana Maee॥
Aaratee Keejai Hanumaan…

Jo Hanumaanajee Kee Aaratee Gaave ।
Basahin Baikunth Param Pad Paave॥
Lank Vidhvans Kiye Raghuraee ।
Tulaseedaas Svaamee Keerti Gaee॥

Aaratee Keejai Hanumaan Lala Kee ।
Dusht Dalan Raghunaath Kala Kee॥


श्री बजरंग बाण पाठ || श्री हनुमान चालीसा

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